बच्चे को स्तनपान न कराने से हो सकता है डिप्रेशन

2019-09-01 0


मां का दूध बच्चे के लिए कितना फायदेमंद होता है इसके बारे में तो हम सभी जानते हैं। आज हम आपको बताएंगे यदि आप स्तनपान नहीं कराती हैं तो आपको किस तरह का नुकसान उठाना पड़ सकता है।

जब एक नई जिंदगी इस दुनिया में आती है तो वह बेहद ही नाजुक होती है। उसे जरूरत होती है सम्पूर्ण आहार की जो उसे मां के दूध से मिलता है। मां का दूध बच्चे के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसके बाद भी कई महिलाएं फिगर खराब होने के डर से अपने बच्चे को स्तनपान नहीं कराती हैं। जिन बच्चों को पर्याप्त समय तक स्तनपान कराया जाता है, उनका आइ क्यू तेज होता है। साथ ही स्तनपान कराने से महिलाओं को भी कई फायदे होते हैं। साथ ही जो महिलाएं बच्चे को स्तनपान नहीं कराती हैं, उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हम आपको बताते हैं स्तनपान कराने के फायदों के बारे में---

स्तनपान करने वाले बच्चों का इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है। ऐसे बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से भी अधिक मजबूत होते हैं। स्तनपान की प्रक्रिया के जरिए न सिर्फ शिशु को जरूरी पोषण मिलता है, बल्कि इससे उसकी अपनी मां के साथ बॉन्डिंग भी मजबूत होती है।

स्तनपान कराने के फायदे

स्तनपान मां और शिशु दोनों के लिए गुणकारी है। जितने अधिक समय तक मां शिशु को स्तनपान कराती है, उतने ही अधिक समय तक उसका फायदा दोनों को मिलता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार शिशु को कम से कम छह माह तक केवल मां का दूध पिलाना चाहिए। इसके बाद दो साल की उम्र तक मां के दूध के साथ कॉम्प्लिमेंट्री फूड आइटम्स देने चाहिए।

शिशु के लिए स्तनपान के फायदे

- मजबूत इम्यून सिस्टम

- इन्फेक्शन और एलर्जिक बीमारियों की बेहद कम आशंका

- ओबेसिटी, बीपी, डायबिटीज और विशेष प्रकार के कैंसर आदि की बेहद कम आशंका

- बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास

- मां के साथ बेहतर बॉन्डिंग

- बेहतर व्यत्तिफ़त्व 

मां के लिए स्तनपान कराने के हैं बहुत से लाभ

- कम समय में प्रेग्नेंसी वेट कम होना

- डिलीवरी के बाद कम से कम ब्लड लॉस

- ब्रेस्ट व ओवरियन जैसे विशेष कैंसर्स और डायबिटीज जैसी बीमारियों से बचाव

- शिशु के साथ बेहतर बॉन्डिंग

- पोस्ट पार्टम डिप्रेशन से बचाव

- स्तनपान कराने से हिîóयां होती है मजबूत

-स्तनपान के दौरान गर्भ धारण की सम्भवना कम होती है।

- स्तनपान से स्तन और ओवैरी के कैंसर की संभावना कम होती है। 

वजन घटाने में सहायक है स्तनपान

प्रसव (क्मसपअमतल) के बाद अक्सर महिलाओं का वजन बढ़ जाता है। कई बार तो यह भी देखा गया है कि वह इसके कारण तनाव में रहने लग जाती हैं, ऐसे में स्तनपान कराना उनके लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है। डॉक्टरों के अनुसार मां यदि बच्चे को जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराए तो नवजातों को मरने से बचाया जा सकता है। बहरहाल मां का दूध जिन बच्चों को नहीं मिल पाता है, उन्हें बचपन से ही कई बीमारियां घेर लेती हैं। बच्चों का सही ढंग से विकास नहीं हो पाता है।

शिशु को स्तनपान कराने के दौरान माता में गर्भ स्थापना की संभावना बहुत कम रहती है। इसे लेक्टेशन एमेनोरिया कहते है जो कि प्राकृतिक तौर पर परिवार नियोजन करने में सहायक होता है। स्तनपान नहीं कराने वाली महिलाओं में जल्दी गर्भाधारण करने की संभावना बनी रहती है।

शिशु को स्तनपान न कराने से होने वाले नुकसान

स्तनपान न कराने वाली महिलाओं में खून की कमी तथा डिलीवरी के वत्तफ़ अधिक रत्तफ़स्राव की संभावना बढ़ जाती है और स्तन (ठतमेंज बंदबमत) एवम् अण्डाशय (व्अंतल बंदबमत) में कैंसर का ऽतरा भी ज्यादा होता है।

स्तनपान न कराने वाली मां को हो सकता है डिप्रेशन का खतरा

कई स्टडीज में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिन मांओं ने बहुत जल्दी अपने बच्चों को स्तनपान (इतमेंज मिमक) कराना बंद कर दिया, उन्हें डिप्रेशन होने का खतरा ज्यादा रहता है। हॉलैंड में पिछले दिनों हुई एक स्टडी में भी यह बात निकलकर आई कि बच्चे को अपना दूध पिलाने वाली मांओं पर तनाव हावी नहीं होता। 



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