जम्मू कश्मीर को लेकर कारोबारी खुश, विकास को नई गति देने के लिए कसी कमर

2019-09-01 0


प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी कई बार दावा किया है कि जम्मू कश्मीर के विकास की राह में धारा 370 सबसे बड़ा रोड़ा है, लेकिन चूंकि अब मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फ़ैसला लेते हुए 370 क्या हटाई देश के तमाम बड़े बिजनेसमैन और इंडस्ट्री जम्मू कश्मीर में नए व्यापार और बिजनेस की संभावनाओं को तलाश रहे हैं।

 जम्मू कश्मीर से धारा 370 और धारा 35 ए के हटने के बाद से ही राज्य की इकोनॉमी को नई रफ़्तार नई जान संभावनाओं को पंख लग गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी कई बार दावा किया है कि जम्मू कश्मीर के विकास की राह में धारा 370 सबसे बड़ा रोड़ा है, लेकिन चूंकि अब मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए 370 क्या हटाई देश के तमाम बड़े बिजनेसमैन और इंडस्ट्री जम्मू कश्मीर में नए व्यापार और बिजनेस की संभावनाओं को तलाश रहे हैं।

एसोचैम के अध्यक्ष बालकृष्ण गोयनका ने बताया कि अब जम्मू कश्मीर में कारोबारी रुख करेंगे। इससे रोजगार के अवसर खुलेंगे। देश की इंडस्ट्री के दिग्गजों की जम्मू कश्मीर को लेकर ये नई आवाज है। जम्मू-कश्मीर जो अब तक सिर्फ आतंकवाद, भारत पाक के बीच लगातार गोलीबारी, पत्थरबाजी, और खौफ के माहौल के लिए जाना जाता था। उसी जम्मू कश्मीर में आज कई इंडस्ट्री दिग्गज, कई बिजनेसमैन मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट तक लगाना चाहते हैं।

लगभग असंभव और क्रांतिकारी बदलाव की वजह है मोदी सरकार का वह एतिहासिक फैसला, जिसका स्वागत आज पूरा देश कर रहा है। धारा 370 और धारा 35ए को जम्मू कश्मीर से समाप्त करना। सरकार के इस बोल्ड फैसले का नताजा है कि अब जम्मू कश्मीर राज्य की इकोनॉमी को चार चांद लगने के ख्वाबों को नए पंख लग गए हैं।

कई इंडस्ट्री जम्मू कश्मीर का रुख करना चाह रही है। ऑटो सेक्टर से लेकर, रिटेल सेक्टर तक, इंडस्ट्री लॉबी तक हर कोई जम्मू कश्मीर में दिख रही नई और सशत्तफ़ आर्थिक संभावनाओं को लपकना चाहता है।

सरकार भी चाहती है कि जम्मू कश्मीर के विकास में अब इंडस्ट्री आगे आए और धारा 370 हटाने के बाद जम्मू कश्मीर के आर्थिक विकास के दावे को हकीकत में तब्दील किया जाए।

जम्मू कश्मीर अपने पड़ोसी राज्य पंजाब से क्षेत्रफल के लिहाज से लगभग 4 गुना बड़ा है, लेकिन इकोनॉमी के मामले में पंजाब की एक-तिहाई इकोनॉमी है। आकंडों के नजरिए से जम्मू कश्मीर  ग्रॉस स्टेट डोमैस्टिक प्रोडक्ट यानि जीएसडीपी साल 2018-19 में सिर्फ 1-57 लाख करोड़ रुपए ही था। ये आंकडे राज्य के कमजोर इकोनॉमी को साफ झलकाते हैं।

सरकार आर्थिक नजरिए से पिछड़े जम्मू कश्मीर के विकास की ओर जल्द ही बड़े कदम का ऐलान कर सकती है। साथ ही इंडस्ट्री का भरोसा जीतने के लिए भी कई रियायतों और सहूलियतों का एलान कर सकती है। 



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